पलायन रुकेगा !
उत्तराखंड में 8500 सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानें हैं। अब जब कि खाद्य
सुरक्षा कानून के अंतर्गत 62% जनता के लिए आनाज इन दुकानों से बँटेगा तो
कालाबाजारी और बढ़ेगी। ईमानदारी से 10% मुनाफ़ा कमाते
हुए हर दुकान से लगभग 30,000 रुपये प्रति माह की औसत आमदनी होती है। समय आ
गया है कि सस्ते गल्ले की ये सरकारी दुकानें स्थानीय बेरोज़गारों की सहकारी
समितियों को आबंटित की जाएँ जिससे पहाड़ों से रोजगार की तलाश में पलायन कर
रहे लोगों को अपने गाँव/कस्बों में स्थायी रोज़गार के रूप में राहत मिले।
इस योजना से 8000/- रुपए प्रति माह (यह मानते हुए कि एक 3-4 सदस्यीय परिवार
को सम्मानजनक ज़िंदगी बिताने के लिए लगभग 8000/- रुपए की आवश्यकता होती है )
एक परिवार/सदस्य को दिया जाए तो लगभग 32,000 परिवारों को लाभान्वित किया
जा सकता है। इससे पलायन शर्तियाँ रुकेगा और बहुत से जरूरतमंदों की संस्था
होने से कालाबाज़ारी की संभावना समाप्त हो जाएगी।
एक और सरकारी दुकानें हैं जहां लोग लाइन लगा कर सामान खरीदते हैं और इनका आबंटन पूरी तरह से राज्य सरकार के हाथ है। ये हैं उत्तराखंड सरकार की शराब की 430 दुकानें। इनसे सरकार खुद प्रतिवर्ष 1200 करोड़ का राजस्व कमाती है...तो शराबबंदी तो होने से रही। एक अनुमान के अनुसार ईमानदारी से 20% मुनाफा लेते हुए हर दुकान औसतन कम से कम 6 लाख रुपया प्रति माह कमा कर देती है। अगर गल्ले की तरह ही औसत 75 सदस्यों की समिति को एक दुकान आबंटित कर दी जाए तो हर सदस्य को 8000/- रुपया महिना मिलेगा। इसके माध्यम से 32,250 परिवार लाभान्वित हो सकते हैं ।
दूसरे शब्दों में कहूँ तो पीडीएस को जनपक्षीय बना दिया जाए तो आज राज्य की बड़ी समस्याओं, बेरोजगारी और पलायन से 100% लड़ा जा सकता है।
एक और सरकारी दुकानें हैं जहां लोग लाइन लगा कर सामान खरीदते हैं और इनका आबंटन पूरी तरह से राज्य सरकार के हाथ है। ये हैं उत्तराखंड सरकार की शराब की 430 दुकानें। इनसे सरकार खुद प्रतिवर्ष 1200 करोड़ का राजस्व कमाती है...तो शराबबंदी तो होने से रही। एक अनुमान के अनुसार ईमानदारी से 20% मुनाफा लेते हुए हर दुकान औसतन कम से कम 6 लाख रुपया प्रति माह कमा कर देती है। अगर गल्ले की तरह ही औसत 75 सदस्यों की समिति को एक दुकान आबंटित कर दी जाए तो हर सदस्य को 8000/- रुपया महिना मिलेगा। इसके माध्यम से 32,250 परिवार लाभान्वित हो सकते हैं ।
दूसरे शब्दों में कहूँ तो पीडीएस को जनपक्षीय बना दिया जाए तो आज राज्य की बड़ी समस्याओं, बेरोजगारी और पलायन से 100% लड़ा जा सकता है।